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कैलाश सत्यार्थी

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कैलाश सत्यार्थी (जन्म: 11 जनवरी 1954) एक भारतीय बाल अधिकार कार्यकर्ता और बाल-श्रम के विरुद्ध पक्षधर हैं। उन्होंने १९८० में बचपन बचाओ आन्दोलन की स्थापना की जिसके बाद से वे विश्व भर के १४४ देशों के ८३,००० से अधिक बच्चों के अधिकारों की रक्षा के लिए कार्य कर चुके हैं। सत्यार्थी के कार्यों के कारण ही वर्ष १९९९ में अंतरराष्ट्रीय श्रम संघ द्वारा बाल श्रम की निकृष्टतम श्रेणियों पर संधि सं॰ १८२ को अंगीकृत किया गया, जो अब दुनियाभर की सरकारों के लिए इस क्षेत्र में एक प्रमुख मार्गनिर्देशक है।

उनके कार्यों को विभिन्न राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय सम्मानों व पुरुस्कारों द्वारा सम्मानित किया गया है। इन पुरुस्कारों में वर्ष २०१४ का नोबेल शान्ति पुरस्कार भी शामिल है जो उन्हें पाकिस्तान की नारी शिक्षा कार्यकर्ता मलाला युसुफ़ज़ई के साथ सम्मिलित रूप से दिया प्रदान किया गया है।

परिचय

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भारत के मध्य प्रदेश के विदिशा में जन्मे कैलाश सत्यार्थी 'बचपन बचाओ आंदोलन' चलाते हैं। वे पेशे से वैद्युत इंजीनियर हैं किन्तु उन्होने 26 वर्ष की उम्र में ही करियर छोड़कर बच्चों के लिए काम करना शुरू कर दिया था। इस समय वे 'ग्लोबल मार्च अगेंस्ट चाइल्ड लेबर' (बाल श्रम के ख़िलाफ़ वैश्विक अभियान) के अध्यक्ष भी हैं।

वर्तमान समय (अक्टूबर २०१४) में सत्यार्थी नई दिल्ली में रहते हैं। उनके परिवार में उनकी पत्नी सुमेधा, पुत्र, पुत्रवधू तथा पुत्री हैं। सामाजिक कार्यों के अतिरिक्त वे एक अच्छे पाकशास्त्री (कुक) भी हैं।

पुरस्कार एवं सम्मान

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  • 2014: नोबेल शांति पुरस्कार
  • 2009: डिफेण्डर्स ऑफ डेमोक्रैसी पुरस्कार (अमेरिका)
  • 2008: अल्फांसो कोमिन अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार (स्पेन)
  • 2007: इटली के सिनेट का स्वर्ण पदक
  • 2007: अमेरिका के स्टेट विभाग द्वारा 'आधुनिक दासता को समाप्त करने के लिये कार्यरत नायक' का सम्मान
  • 2006: फ्रीडम पुरस्कार (US)
  • 2002: वालेनबर्ग मेडल (मिशिगन विश्वविद्यालय द्वारा प्रदत्त)
  • 1998: गोल्डेन फ्लैग पुरस्कार (नीदरलैण्ड्स)
  • 1995: रॉबर्ट एफ केनेडी मानव अधिकार पुरस्कार (अमेरिका)
  • 1995: ट्रम्पेटर पुरस्कार (अमेरिका)
  • 1993: अशोक फेलो चुने गये। (अमेरिका)