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काव्यशास्त्र

विकिसूक्ति से
  • शब्दार्थौ सहितौ काव्यम् (शब्द और अर्थ का समन्वय काव्य है।) (भामह) ;
  • संक्षेपात् वाक्यमिष्टार्थव्यवच्छिन्ना, पदावली काव्यम् (अग्नि पुराण);
  • शरीरं तावदिष्टार्थव्यवच्छिन्ना पदावली (दंडी);
  • ननु शब्दार्थों कायम् (रुद्रट);
  • काव्य शब्दोयं गुणलंकार संस्कृतयोः शब्दार्थयोर्वर्तते (आचार्य वामन);
  • शब्दार्थशरीरं तावत् काव्यम् (आनन्दवर्धन);
  • निर्दोषं गुणवत् काव्यं अलंकारैरलंकृतं रसान्तितम् (भोजराज);
  • तददोषौ शब्दार्थों सगुणावनलंकृती पुनः क्वापि (मम्मट)
  • गुणालंकाररीतिरससहितौ दोषरहिती शब्दार्थों काव्यम् (वाग्भट);
  • निर्दोषा लक्षणवी सरीतिर्गुणभूषिता, सालंकाररसानेकवृत्तिर्भाक् काव्यशब्दभाक् (जयदेव);
  • काव्यं रसादिमद्वाक्यं श्रुतं सुखविशेषकृत् (आचार्य शौद्धोदनि);
  • वाक्यं रसात्मकं काव्यम् (विश्वनाथ);
  • गुणवदलङकृतंच काव्यम् (राजशेखर)।