[ज़हर दिये जाने के बावजुद बॉण्ड अपनी सिट पर वापस आ कर बैठ जाता है, जिससे ली शिफ़र काफ़ी चकित व गुस्सा हो जाता है] माफ़ करना, आख़री बाज़ी ने तो मेरी जान ही ले ली थी
वे खुद को समझते क्या हैं? मैं केवल प्रधानमंत्री को जवाब देती हुँ और वे भी इतने समझदार है की मुझसे ज़्यादा सवाल नहीं करते। तुमने कभी इस तरह के बेवकुफ़ और डरपोक सुवरों का झुंड देखा है? उन्हें इस बात की कोई परवाह नहीं की हम क्या करते है, उन्हें परवाह है तो इस बात की हम कहीं काम करते वक्त पकडे ना जाएं। भला बॉण्ड इतना बेवकुफ़ कैसे हो सकता है? मैने उसे डबल-ओ का दर्जा दिया और उसने दुतावास उडा कर उसका जश्न मनाया! और भला वह है कहां? पुराने दिनों में अगर कोई ऐजंट बेवकुफ़ी करता तो उसमें इतनी समझ होती की वह अपना इस्तिफ़ा दे दे। हे ईश्वर, मैं शित युद्ध को कितना मिस करती हुँ।
बॉण्ड: एम को तुम्हारी उपर की कमाई से कोई मतलब नहीं है ड्रायडेन, बस उन्हे तुम्हारा ये राज़ बेचना पसंद नहीं है।
ड्रायडेन: अगर तुम मुझे डराना चाहते हो तो तुम गलत हो बॉण्ड। अगर एम को मुझ पे वाकई में शक होता तो उसने मेरे पिछे डबल-ओ को भेजा होता। सेक्शन चिफ़ होने का यह एक फ़ायदा है। अगर किसी को डबल-ओ बनाया जाता तो मुझे सबसे पहले इस बात की खबर होती। तुम्हारी फ़ाइल में लिखा है की तुमने अबतक किसी को नहीं मारा है, और तुम जानते हो की डबल-ओ बनने के लिए...
बॉण्ड: दो कत्ल कतने पडते है।
ड्रायडेन:[बॉण्ड पर बन्दुक तानते हुए] शरम की बात है। हम एक दुसरे को पहचान नहीं पाएं।
[ड्रायडेन ट्रिगर दबाता है पर कुछ नहीं होता]
बॉण्ड:[बन्दुक की मैगज़िन दिखाता है] मुझे पता है की तुम अपनी बन्दुक कहां रखते हो। शायद यह कुछ काम आए।
ड्रायडेन: सच। उसे कैसे मारा?
बॉण्ड: तुम्हारे आदमी को? बुरी तरह।
ड्रायडेन: तुम्हे परेशानी हुई? कोई बात नहीं, दुसरा तो...
बॉण्ड:[बॉण्ड बन्दुक निकाल कर चला देता है] उसे तो बडी आसानी से मारा।
स्टिवन ओबानो: क्या तुम ईश्वर में यकिन करते हो, मिस्टर ली शीफर?
ली शीफर: नहीं। मैं सिर्फ़ मुनाफ़ा कमाने में यकिन रखता हुँ।
एम: तुम्हे कैसे पता चला की मैं कहां रहती हुँ?
बॉण्ड: उसी तरह जिस तरह मुझे आपका नाम पता चला। मुझे तो लगा था की एम बस युँ ही है, पर पता नहीं था की उसका मतलब —
एम: एक और शब्द कहो और तुम्हारी जान निकाल दुंगी। मुझे लगा ही था की तुम्हे उन्नती देना जल्दबाज़ी है।
बॉण्ड: वैसे भी डबल-ओ की ज़िंदगी काफ़ी छोटी होती है, आपकी गलती ज़्यादा दिन रही रहेगी।
एम: तुम जैसे बेवकुफ़ इंसान को यह बात नहीं समझेगी, पर अहंकार और जल्दबाज़ी एक साथ चलती है।
बॉण्ड: तो आप चाहती है की मैं आधा साधू और आधा हत्यारा बनू?
एम: कोई भी मामुली गुंडा खुन कर सकता है। मैं चाहती हुँ की तुम अपने अहंकार को बाजू मैं रखकर फैसलें करते वक्त जल्दबाज़ी ना करो। मैं चाहती हुँ की तुम ये जान लो की मैं तुम पर भरोसा करना चाहती हुँ बॉण्ड और चाहती हुँ की तुम भी समझ लो की किस पर भरोसा करना है... और अब जब मैं यह नहीं जानती तो मैं चाहती हुँ की तुम मेरी नज़रों के सामने से दफ़ा हो जाओ। जा कर अपने भविष्य के बारे में सोचो क्योंकी यह लोग तुम्हे ज़िंदा नहीं छोडेंगे... और मुझे वाक्कई में लगता है मुझे तुम्हें उनके हातों में सौंप देना चाहिए।
[बॉण्ड लिफ़्ट की तरफ़ बढता है]
एम: और बॉण्ड... दोबारा मेरे घर में घुसने की गलती मत करना।
वेस्पर लैंड: बॉण्ड, उम्मिद करती हुँ की हम दोनो एक दुसरे को अच्छे से समझते है।
बॉण्ड: तुम मेरे टाइप की नहीं।
वेस्पर लैंड: स्मार्ट?
बॉण्ड: सिंगल।
[बॉण्ड ताश में हार कर आता है]
बॉण्ड: वोड्का मार्टिनी।
बारटेंडर: हिलाके या मिलाके?
बॉण्ड: कोई फ़रक नहीं पडता।
[फोन की घंटी बजती है है]
वाइट: हैलो?
फ़ोन पर आवाज़: क्या मैं मिस्टर वाइट से बात कर सकता हुँ?
वाइट: कौन?
[वाइट को पैर पर गोली लगती है और वह रेंगते हुए घर की सिढियों तक जाता है। तभी बॉण्ड हात में बन्दुक लिए उसके सामने आता है]