उदयनिधि स्टालिन
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उदयनिधि स्टालिन (जन्म 27 नवंबर 1977) एक भारतीय फिल्म निर्माता, अभिनेता और राजनीतिज्ञ हैं। वे प्रमुख रूप से तमिल सिनेमा में काम करते हैं। उनके पिता एम. के. स्टालिन तमिलनाडु के मुख्यमंत्री थे। उदयनिधि को दिसंबर 2022 में पिता के नेतृत्व वाले मंत्रालय में तमिलनाडु के युवा कल्याण और खेल विकास, विशेष अधिनियम कार्यान्वयन विभाग के मंत्री के रूप में नियुक्त किया गया। वे तमिलनाडु विधानसभा में चेपॉक-थिरुवल्लिकेनी विधानसभा क्षेत्र से जुड़े हुए हैं।
उद्धरण
[सम्पादन]- जिस तरह हम मच्छर,डेंगू, मलेरिया और कोरोना को खत्म करते हैं उसी तरह सिर्फ सनातन धर्म का विरोध करना ही काफी नहीं है. इसे समाज से पूरी तरह खत्म कर देना चाहिए।
- “स्टालिन के सनातन वाले बयान के बारे में धर्म और इतिहास के जानकारों की क्या राय है?”, बीबीसी हिंदी, २०२३-०९-०७ (अभिगमन तिथि: २०२४-०२-१८)
- हम किसी के बाप का पैसा नहीं मांग रहे हैं। हम केवल तमिलनाडु के लोगों द्वारा भुगतान किए गए कर का हिस्सा मांग रहे हैं।
- “'जुबान कंट्रोल में रखें', उदयनिधि स्टालिन के 'बाप का पैसा' वाले तंज पर निर्मला सीतारमण का पलटवार”, आज तक, २३ दिसंबर २०२३ (अभिगमन तिथि: १८ फरवरी २०२४)
- भारत अपनी खेल भावना और आतिथ्य के लिए प्रसिद्ध है। हालांकि, अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम में पाकिस्तानी खिलाड़ियों के साथ किया गया व्यवहार अस्वीकार्य और एक निम्न स्तर का है। खेलों को देशों के बीच एकजुट करने वाली शक्ति होनी चाहिए, जिससे सच्चे भाईचारे को बढ़ावा मिले। घृणा फैलाने के लिए इसका एक उपकरण के रूप में उपयोग करना निंदनीय है।
- “पाकिस्तानी खिलाड़ियों के सामने भारतीय फैंस ने लगाए जय श्री राम के नारे तो भड़के उदयनिधि स्टालिन, बताया नीच हरकत”, नव भारत टाइम्स, १५ अक्टूबर २०२३ (अभिगमन तिथि: १८ फरवरी २०२४)
- करुणानिधि ने हमेशा कहा था कि डीएमके किसी भी आस्था या धर्म की विरोधी नहीं है। मंदिर बनना कोई समस्या नहीं है, लेकिन हम मस्जिद तोड़कर वहां मंदिर बनाने से।
- “Ram Mandir: 'मस्जिद तोड़कर मंदिर बनाने से हम सहमत नहीं', सनातन पर आग उगलने वाले उदयनिधि स्टालिन ने राम मंदिर पर बोला”, नव भारत टाइम्स, १८ जनवरी २०२४ (अभिगमन तिथि: १८ फरवरी २०२४)
- अब, हमें प्रधान मंत्री को '28 पैसा पीएम' कहना चाहिए।
- “तमिलनाडु के DMK नेता उदयनिधि स्टालिन का PM मोदी पर हमला, कहा- 'उन्हें 28 पैसे का प्रधानमंत्री कहना चाहिए', जानें क्यों कही ये बात?”, एशियननेटन्यूज़, २४ मार्च २०२४ (अभिगमन तिथि: २७ अप्रैल २०२४)