अपमान

विकिसूक्ति से
  • न प्राष्यति सम्माने नापमाने च कुप्यति ।
न क्रुद्धः परूषं ब्रूयात् स वै साधूत्तमः स्मॄतः ॥
जो मान देने पर हर्षित नहीं होता अपमान होने पर क्रोधित नहीं होता तथा स्वयं क्रोधित होने पर कठोर शब्द नही बोलता, वही उत्तम साधु है।
  • सुदुर्बलं नावजानाति कंचिद्- युक्तो रिपुं सेवते बुद्धिपूर्वम् ।
न विग्रहं रोचयते बलस्थैः काले च यो विक्रमते स धीरः ॥ -- महाभारत (विदुरनीति)
जो किसी दुर्बल का अपमान नहीं करता, सदा सावधान रहकर शत्रुके साथ बुद्धिपूर्वक व्यवहार करता है, बलवानों के साथ युद्ध पसन्द नहीं करता तथा समय आने पर पराक्रम दिखाता है, वही धीर है।
  • जो स्त्री का अपमान करता है, वो माँ का अपमान करता है, जो माँ का अपमान करता है, वो भगवान का अपमान करता है, और जो भगवान का अपमान करता है, उसका पतन निश्चित है।
  • चोर केवल दंड से ही नहीं बचना चाहता, वह अपमान से भी बचना चाहता है। वह दंड से उतना नहीं डरता जितना कि अपमान से। -- प्रेमचन्द
  • अपमानित होके जीने से अच्छा मरना है। मृत्यु तो बस एक क्षण का दुःख देती है, लेकिन अपमान हर दिन जीवन में दुःख लाता है। -- चाणक्य
  • जब भी किसी ने मुझे अपमानित किया है, तो मैं अपनी आत्मा को इतना ऊंचा रखने की कोशिश करता हूं कि अपमान वहाँ तक पहुंच ही नहीं सकता। -- रेने देकार्त
  • कोई भी आपकी अनुमति के बिना लगातार आपकी भावनाओं का अपमान या चोट नहीं कर सकता है। आप तय करते हैं कि आपकी सीमाएं क्या हैं। -- लेस ब्राउन

इन्हें भी देखें[सम्पादन]