अन्ना हजारे
दिखावट
किसन बाबुराव हजारे भारत के एक प्रसिद्ध समाजसेवी हैं। वे 'अण्णा हजारे' नाम से प्रसिद्ध हैं। वर्ष १९९२ में भारत सरकार द्वारा उन्हें पद्मभूषण से सम्मानित किया गया था।
कथन
[सम्पादन]- जो अपने लिए जीते हैं वो मर जाते हैं, जो समाज के लिए मरते हैं वो जिंदा रहते हैं।
- मैं इस देश के युवाओं से कहना चाहता हूँ कि यह लड़ाई लोकपाल के साथ ख़त्म नही होनी चाहिए। हमें मौजूदा चुनावी सुधारों में मौजूद खामियों को दूर करने के लिए लड़ना है। क्योंकि चुनाव प्रणाली में दोष के कारण 150 से भी ज्यादा अपराधी संसद तक पहुँच चुके हैं।
- कल मेरा रक्त चाप कम था, लेकिन आज यह फिर से नियंत्रण में है क्योंकि देश की ताकत मेरे पीछे है।
- वही लूट, वही भ्रष्टाचार, वही उप द्रवता अभी भी मौजूद है।
- मैं इस देश के लोगों से अनुरोध करता हूँ कि इस क्रांति को जारी रखें। मैं ना हूँ तो भी लोगों को संघर्ष जारी रखना चाहिए।
- इस सरकार में एक प्रभावी लोकपाल लाने की इच्छा नहीं है।
- क्या यह लोकतंत्र है? सभी एक साथ पैसा बनाने आये हैं. मैं खुद को सौभाग्यशाली समझूंगा अगर मैं अपने समाज, अपने देशवासियों के लिए मरता हूँ।
- मेरा वजन साढ़े पांच किलो कम हुआ है, कुछ ज्यादा नही, मैं ठीक हूँ।
- सरकारी पैसा लोगों का पैसा है।लोगों के फायदे के लिए प्रभावी नीतियां बनाएँ।
- वो जो अपने लिए जीते हैं, वो मर जाते हैं, वो जो समाज के लिए मरते हैं वो जिंदा रहते हैं।
- हम सरकार के साथ बात करने को तैयार हैं लेकिन उनकी तरफ से कोई पहल नहीं हुई। हम बात करने कहाँ जायें और हम किससे बात करें ?
- देश को असल में स्वतंत्रता आजादी के 64 साल बाद भी नहीं मिली और केवल एक बदलाव आया गोरों की जगह काले आ गए।
- लोकपाल के बाद, हमें किसानो के अधिकार के लिए लड़ना होगा. हमें एक ऐसा कानून लाना होगा जो भूमि अधिग्रहण से पहले ग्राम सभाओं की अनुमति लेना अनिवार्य करे।
- मेरी मांगें बिलकुल नहीं बदलेंगी। आप मेरे सर को काट सकते हैं लेकिन मुझे सर झुकाने के लिए मजबूर नहीं कर सकते।
- खजाने को चोरों से नहीं पहरेदारों से धोखा है। देश को सिर्फ दुश्मनों से ही नहीं बल्कि इन गद्दारों से धोखा है।
- हमें कैमरे से दूर रहना चाहिये तभी हम देश के लिये कुछ कर पायेंगे, वो लोग जो हर वक्त मीडिया की चकाचौंध में रहना चाहते हैं वो कभी देश के लिये कुछ भी नहीं कर सकते।