"नरेन्द्र मोदी": अवतरणों में अंतर
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* [http://www.gyanipandit.com/narendra-modi-powerful-thought-in-hindi/ नरेन्द्र मोदी विचार हिंदी(Quotes)] |
०१:३२, १९ अप्रैल २०१५ का अवतरण
नरेंद्र मोदी
- जितना अधिक आप मेरे ऊपर कीचड़ फेंकेंगे, उतना अधिक कमल खिलेगा।
- राजवंश लोकतंत्र का दुश्मन है.
- किसी भी राजनीतिक पार्टी के लिए उसका घोषणापत्र गीता, कुरान और बाइबिल की तरह होना चाहिए.
- अच्छे दिन आने वाले हैं।
- मुझे देश के लिए मरने का अवसर नहीं मिला है, लेकिन मुझे देश के लिए जीने का अवसर मिल गया है.
- हमारा मन्त्र है : सबका साथ सबका विकास।
कविता: पतंग
पतंग..मेरे लिए उर्घ्वगति का उत्सव,
मेरा सूर्य की ओर प्रयाण।
पतंग..मेरे जन्म-जन्मांतर का वैभव,
मेरी डोर मेरे हाथ में..
पदचिन्ह पृथ्वी पर,
आकाश में..
विहंगम दृश्य सेसा,
मेरा पतंग..अनेक पतंगों के बिच,
मेरा पतंग उलझता नहीं..
वृक्षों की डालियों में फंसता नहीं..
पतंग..मानो मेरा गायत्री मंत्र,
धनवान हो या रंक,
सभी को..
कटी पतंग एकत्र करने का आनंद होता है।
बहुत ही अनोखा आनंद,
कटी पतंग के पास..
आकाश का अनुभव है.
हवा की गति और दिशा का ज्ञान है..
स्वयं एक बार ऊंचाई तक गया है वहां कुछ क्षण रुका है।
इस बात का प्रत्यक्ष प्रमाण है।
पतंग..मेरा सूर्य की ओर प्रयाण..
पतंग का जीवन उसकी डोर में है।
पतंग का आराध्य (शिव) ब्योम (आकाश) में..
पतंग की डोर मेरे हाथ में..
मेरी डोर शिव जी के हाथ में..
जीवन रूपी पतंग के लिये (हवा के लिये),
शिव जी हिमालय में बैठे हैं।
पतंग के सपने (जीवन के सपने),
मानव से ऊंचे..
पतंग उड़ती है, शिव जी के आस-पास,
मनुष्य जीवन में बैठा - बैठा ..
उसको (डोर) सुलझाने में लगा रहता है।