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  • भगवान । जम जब घर ले जायेंगे, पड़ी रहेगी म्यान ॥ जग में बैरी कोई नहीं, जो मन शीतल होय । यह आपा तो ड़ाल दे, दया करे सब कोय ॥ जहाँ काम तहाँ नाम नहिं, जहाँ नाम...
    २२ KB (१,५८१ शब्द) - ०९:२१, ५ दिसम्बर २०२२
  • रवींद्र चंद्रमा, हिमालय पर्वत, केले के वृक्ष और चंदन शीतल माने गए हैं, पर इनमें से कुछ भी इतना शीतल नहीं जितना मनुष्य का तृष्णा रहित चित्त। -- वशिष्ठ चरित्रहीन...
    ८० KB (६,०२५ शब्द) - १७:२३, ३० जुलाई २०२२
  • राम को देखकर प्रकट हो गईं। सब नदियों में सुन्दर जल प्रवाहित होने लगा, जो शीतल, निर्मल और मजेदार था। सागर अपनी सीमा का अनुल्लंघन करते हुए किनारों पर रत्न...
    ५७ KB (४,१०६ शब्द) - ०६:५७, २३ फ़रवरी २०२३
  • है , परिहहुँ बचन कठोर ॥ ऐसी बानी बोलिये , मन का आपा खोय । औरन को शीतल लगे , आपहुँ शीतल होय ॥ — कबीरदास मधुर वचन है औषधि , कटुक वचन है तीर । श्रवण मार्ग...
    २८१ KB (१९,७५२ शब्द) - १४:५५, ११ जनवरी २०२३
  • है , परिहहुँ बचन कठोर ॥ ऐसी बानी बोलिये, मन का आपा खोय । औरन् को शीतल लगे, आपहुँ शीतल् होय ॥ — कबीरदास प्रियवाक्य प्रदानेन सर्वे तुष्यन्ति जन्तवः । तस्मात्...
    २५७ KB (१९,१५७ शब्द) - १०:१८, ८ मार्च २०२२
  • है , परिहहुँ बचन कठोर ॥ ऐसी बानी बोलिये , मन का आपा खोय । औरन को शीतल लगे , आपहुँ शीतल होय ॥ — कबीरदास मधुर वचन है औषधि , कटुक वचन है तीर । श्रवण मार्ग...
    ३०४ KB (२१,२०६ शब्द) - २१:०८, ३ फ़रवरी २०२२
  • के स्पर्श मात्रा से अनेक लौकिक अलौकिक ताप से तापित मनुष्यों का चित सर्वदा शीतल करते हैं। जहाँ अनेक रंगों के कपड़े पहने सोरहो सिंगार बत्तीसो अभरन सजे पान...
    ९६ KB (७,४६३ शब्द) - ००:२२, १७ मार्च २०१४
  • इसी विस्फोटक के नाश का उपाय टीका लगाना इत्यादि कहेंगे तो भी ये सब उसको शीतला के डर से न मानंगे और उपाय आछत अपने हाथ प्यारे बच्चों की जान लेंगे। भारतदु...
    ७९ KB (६,२१० शब्द) - ००:०८, १७ मार्च २०१४