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  • बुराईयां हैं... मेरी तहरीर में कोई नक़्स नहीं। जिस नक़्स को मेरे नाम से मंसूब किया जाता है, दर असल मौजूदा निज़ाम का नक़्स है। मैं तहज़ीब-ओ-तमद्दुन और...
    ११ KB (८६७ शब्द) - ०९:४१, २९ अक्टूबर २०२२