खोज परिणाम

कहीं आपका मतलब नीति आर्य तो नहीं था?
  • हरिश्चन्द्र का संसार ने कुछ भी गुण रूप न समझा। क्या हुआ। कहैंगे सबै ही नैन नीर भरि भरि पाछे प्यारे हरिचंद की कहानी रहिजायगी ।। २ ।। सू.  : इसमें क्या संदेह...
    १७८ KB (१४,५३५ शब्द) - ००:०३, ११ मार्च २०१४