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  • फूलन्ह सब डार ओढ़ाई। ढूँड बांधि के पंचम गाई। बाजहिं ढोल दुंदुभी भेरी । मादक तूर झांझ चहुं फेरी। -- जायसी (पद्मावत) दोनों रहिमन एक से, जब लौं बोलत नाहिं।...
    ७ KB (४८५ शब्द) - ०८:४८, १३ अप्रैल २०२३
  • हैं। सर्व तपै जो रोहिनी, सर्व तपै जो मूर। परिवा तपै जो जेठ की, उपजै सातो तूर।। अर्थ : यदि रोहिणी भर तपे और मूल भी पूरा तपे तथा जेठ की प्रतिपदा तपे तो...
    १९ KB (१,४८९ शब्द) - १८:०८, २२ अगस्त २०१९
  • पाश से बचा रहता है। सूर माहि चंद चंद माहिं सूर, चपंपि तीनि तेहुड़ा बाजल तूर।१। भणन्त गोरषनाथ एक पद पूरा, भाजंत भौंदू साधंति सूरा।२। महायोगी गोरख कहते...
    ४८५ KB (३९,२९५ शब्द) - १६:१३, १९ फ़रवरी २०२३
  • है तभी तक धन कमाया जा सकता है या घूमा (तीर्थयात्रा) जा सकता है। रोवे गावे तूरे तान, ओकर दुनिया राखे मान। अर्थ : नंगा (निर्लज्ज होकर हंगामा करनेवाला) की...
    १२२ KB (९,६४९ शब्द) - ११:३०, २२ जून २०२३