लाल बहादुर शास्त्री
(लाल बहादुर शाश्त्री से अनुप्रेषित)

लाल बहादुर शास्त्री (२ अक्तूबर १९०४ - ११ जनवरी १९६६) भारत देश के द्वितीय प्रधानमंत्री थे।
उद्धरण[सम्पादन]
- जय जवान, जय किसान।
- आज़ादी की रक्षा केवल सैनिकों का काम नही है, पूरे देश को मजबूत होना होगा.
- हम अपने देश के लिए आज़ादी चाहते हैं, पर दूसरों का शोषण कर के नहीं, ना ही दूसरे देशों को नीचा दिखाकर, मैं अपने देश की आजादी ऐसे चाहता हूँ कि अन्य देश मेरे आजाद देश से कुछ सीख सकें, और मेरे देश के संसाधन मानवता के लाभ के लिए प्रयोग हो सकें.
- जो शासन करते हैं उन्हें देखना चाहिए कि लोग प्रशासन पर किस तरह प्रतिक्रिया करते हैं. अंततः जनता ही मुखिया होती है।
- यदि मैं एक तानाशाह होता तो धर्म और राष्ट्र अलग-अलग होते. मैं धर्म के लिए जान तक दे दूंगा. लेकिन यह मेरा नीजी मामला है। राज्य का इससे कुछ लेना देना नहीं है। राष्ट्र धर्मनिरपेक्ष कल्याण, स्वास्थ्य, संचार, विदेशी संबंधो, मुद्रा इत्यादि का ध्यान रखेगा, लेकिन मेरे या आपके धर्म का नहीं. वो सबका निजी मामला है।
- भ्रष्टाचार को पकड़ना बहुत कठिन काम है, लेकिन मैं पूरे जोर के साथ कहता हूँ कि यदि हम इस समस्या से गंभीरता और दृढ संकल्प के साथ नहीं निपटते तो हम अपने कर्तव्यों का निर्वाह करने में असफल होंगे.
- यदि कोई एक व्यक्ति को भी ऐसा रह गया जिसे किसी रूप में अछूत कहा जाए तो भारत को अपना सर शर्म से झुकाना पड़ेगा.
- हम सिर्फ अपने लिए ही नहीं बल्कि समस्त विश्व के लिए शांति और शांतिपूर्ण विकास में विश्वास रखते हैं।
- जैसा कि “देश ने बापू और शास्त्री को याद किया”, एनडीटीवी खबर, २ अक्तूबर २०१२ (अभिगमन तिथि: १७ अप्रैल २०१३) में उद्धृत किया गया।