किसान
दिखावट
(कृषि से अनुप्रेषित)
- हे ग्रामदेवता नमस्कार!
- सोने चाँदी से नहीं किन्तु मिट्टी से तुमने किया प्यार॥
- हे ग्राम देवता ! नमस्कार !
- जन कोलाहल से दूर-कहीं एकाकी सिमटा-सा निवास,
- रवि-शशि का उतना नहीं कि जितना प्राणों का होता प्रकाश
- श्रम वैभव के बल पर करते हो जड़ में चेतन का विकास
- दानों-दानों में फूट रहे सौ-सौ दानों के हरे हास,
- यह है न पसीने की धारा, यह गंगा की है धवल धार ।
- हे ग्राम देवता ! नमस्कार ! -- डॉ रामकुमार वर्मा
- किसान का सम्पूर्ण जीवन प्रकृति से स्थायी सहयोग है। -- प्रेमचन्द
- किसान के बराबर सर्दी, गर्मी, मेह, ओर मच्छर, पिस्सू बगैरा का उपद्रव कौन सहन करता है ? -- सरदार वल्लभ भाई पटेल
- अगर कोई उद्योगपति अपने उत्पादों को पूरी दुनिया में कहीं भी बेच सकता है, तो एक किसान को ऐसा करने की अनुमति क्यों नहीं दी जानी चाहिए। -- शरद पवार
- अन्न पैदा करने में किसान भी ब्रह्मा के समान है। खेती उसके ईश्वरीय प्रेम का केन्द्र है। उसका सारा जीवन पत्ते-पत्ते में, फूल-फूल में बिखर रहा है। -- सरदार पूर्णसिंह
- इस धरती पर अगर किसी को सीना तानकर चलने का अधिकार हो, तो वह धरती से धन-धान्य पैदा करने वाले किसान को ही है। -- सरदार पटेल
- एक किसान को जीवन के बारे में एक शांत और एक शांत बुढ़ापे की आशा है, जो कोई व्यवसाय या पेशा वादा नहीं कर सकता है। -- Robert Green Ingersoll
- किसान के बिना अन्न नहीं है। -- Lailah Gifty Akita
- किसानों के बिना हमारा भोजन संभव नहीं है। -- Ernest Agyemag Yeboah
- किसानों के हाथ रस्सियों से नहीं, बल्कि बिचौलियों के लालच ने बंधे हैं, जो सिस्टम ने उत्प्न्न किया है, जो किसानों की आय को खा जाते हैं, जबकि सब कुछ किसानों के हाथों में है। -- Faraaz Kazi
- कृषकों का जीवन ही जीवन है। अन्य सब दूसरों की वन्दना करके भोजन पाकर उनके पीछे चलने वाले ही हैं। -- तिरुवल्लुवर
- कृष्ण सारे संसार के लिए किल्ली के समान है, क्योंकि वह अन्य सभी का भार वहन कर रहा है। -- तिरूवल्लुवर
- खेती आशा का एक पेशा है। -- Brett Brian
- जब आपका काम पेंसिल से हो, और आप मकई के खेतों से एक हजार मील दूर हैं, तो आपको खेती करना आसान लगता है। -- Dwight D Eisenhower
- जब मैं इस भूमि पर चलता हूँ, तो मैं अतीत और भविष्य की धड़कनों पर चलता हूँ। और यह केवल एक कारण है कि मैं एक किसान हूँ। -- Brenda Sutton Rose
- जब लड़के और लड़कियां पश्चिम की ओर नहीं जाएंगे और न ही शहरों में, जब जीवन जीने लायक होगा। उस दिन चंद्रमा तेज होगा और सितारे अधिक खुश होंगे, और खुशी और कविता और जीवन का प्यार मिट्टी को भरने वाले आदमी के वापस आ जाएगा। -- Hamlin Garland
- जहाँ किसान सुखी नहीं है, वहाँ राज्य भी सुखी नहीं है और साहूकार भी सुखी नहीं है। -- सरदार पटेल
- जो किसान मूसलाधार बरसात में काम करता है, कीचड़ में खेती करता है, मरखने बैलों से काम लेता है और सर्दी-गर्मी सहता है, उसे डर किसका। -- सरदार पटेल
- देश की व्यक्तिगत संपत्ति का दो तिहाई हिस्सा, करों का भुगतान - जहां भी संभव हो, सरकारों ने लगभग पूरे बोझ को छोटे घरों और खेतों की निजी संपत्ति पर फेक दिया है। -- Robert Marion La Gillette
- पृथ्वी पर किसान सबसे मूल्यवान नागरिक हैं। वे सबसे अच्छे, सबसे स्वतंत्र, सबसे गुणी हैं, और वे अपने देश की जड़ों से बंधे हुए हैं और सबसे स्थायी बंधनों द्वारा अपनी स्वतंत्रता और हितों के लिए वचनबद्ध हैं। -- Thomas Jefferson
- प्रेम आशा की खेती करता है, आशा है तो उर्वरता को बढ़ावा मिलेगा, और हम सभी सपने के किसान हो सकते हैं। -- George E।Miller
- बढ़ती आबादी को खिलाने के लिए किसानों को उनकी उपज में सुधार के लिए सब्सिडी दी जानी चाहिए। -- Lailah Gifty Akita
- बारिश हमारे पिकनिक को खराब कर देती है, लेकिन एक किसान की फसल को बचा लेती है, तब भी हम कहते हैं कि बारिश नहीं होनी चाहिए। -- Tom Barrett
- भोले-भाले किसानों को ईश्वर अपने खुले दीदार का दर्शन देता है। -- सरदार पूर्णसिंह
- मैं उसे घर के परिदृश्य में, फसलों की पंक्तियों पर ब्रश करते हुए देखता हूं। मैं उसे रोपण और कटाई के मौसम में तलाशता हूं। पृथ्वी के एक बीहड़ व्यक्ति, उसने इस खेत में जीवन व्यतीत किया। -- Brenda Sutton Rose
- यदि किसान अधिक अन्न उगाते हैं, तो सभी को खिलाने के लिए पर्याप्त भोजन होगा। -- Lailah Gifty Akita
- यह केवल किसान है जो ईमानदारी से वसंत में बीज लगाते हैं, तब शरद ऋतु में फसल काटता है। -- B C Forbes
- ये सच है उनके दम से जिंदगी त्योहार लगती है कोई माने न माने रोज होली - तीज हैं उन्हीं के दम से तो सारी जमीने भी सुहागन हैं। पकी फसलें छुपाए खुद में जिंदा बीज है किसान। -- Tripurari
- वह देश जो कृषि के संबध में सही मायने में महत्व नहीं देता तब वह भोजन में दुर्लभ हो जाता है। -- Ernest Agyemag Yeboah
- साक्षरता अच्छी चीज है और उससे जीवन की समस्याएँ हल हो जाती हैं, लेकिन यह समझना कि किसान मूर्ख है, उसके साथ अन्याय करना है। वह परोपकारी है, त्यागी है, परिश्रमी है, कफायती है, दूरदर्शी है, हिम्मत का पूरा है, नीयत का साफ है, दिल का दयालु है, बात का सच्चा है, धर्मात्मा है, और क्या चाहिए। कितने साक्षर है जिनमें ये गुण पाये जाएँ। -- मुंशी प्रेमचंद
- सारी दुनिया किसान के आधार पर टिकी हुई है। दुनिया के आधार किसान और मजदूर पर है। फिर भी सबसे ज्यादा जुल्म कोई सहता है, तो ये ही सहते हैं। क्योंकि ये दोनों बेजुबान होकर अत्याचार सहन करते हैं। -- सरदार पटेल
- हिन्दुस्तान में किसान राष्ट्र कि आत्मा हैं। उस पर पड़ी निराशा की छाया हटाया जाए तभी हिन्दुस्तान का उद्धार हो सकता है। इसके लिए यह आवश्यक है कि हम यह अनुभव करें कि किसान है और हम किसान के हैं। -- लोकमानय तिलक