"प्रेमचंद": अवतरणों में अंतर
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मै एक मजदूर हूँ । जिस दिन कुछ लिख न लूँ , उस दिन मुझे रोटी खाने का कोई हक नहीं। |
मै एक मजदूर हूँ । जिस दिन कुछ लिख न लूँ , उस दिन मुझे रोटी खाने का कोई हक नहीं। |
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==बाह्य सूत्र== |
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*'''[http://www.gyanipandit.com/munshi-premchand-biography-in-hindi/ “उपन्यास सम्राट” मुंशी प्रेमचंद]''' |
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[[श्रेणी:साहित्यकार]] |
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००:०६, ९ अप्रैल २०१६ का अवतरण
प्रेमचंद हिंदी साहित्य के सर्वाधिक प्रमुख साहित्यकारों में से एक हैं। इनके द्वारा रचित गोदान सहित दर्जन भर उपन्यासों और ३00 से अधिक कहानियों में से अनेक पंक्तियाँ सुभाषित बन गई हैं।
गोदान
कर्मभूमि
रंगभूमि
देखें मुख्य पृष्ठ रंगभूमि
अन्य
मै एक मजदूर हूँ । जिस दिन कुछ लिख न लूँ , उस दिन मुझे रोटी खाने का कोई हक नहीं।