"ईसा मसीह": अवतरणों में अंतर
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२३:१७, १ अप्रैल २०१६ का अवतरण
ईसा मसीह
- मनुष्य को सिर्फ रोटी के लिए नहीं जीना चाहिए, बल्कि ईश्वर के मुख से निकले हुए हर शब्द के मुताबिक जीना चाहिए.
- जिस प्रकार पिता ने मुझसे प्रेम किया है, उसी तरह मैंने तुमसे प्रेम किया है.
- हर घुटने मेरे सामने झुकेंगे ,और हर जुबान भगवान की महिमा करेगी
- यदि जो तुम्हारे भीतर है उसे सामने लाओ, तो वो तुम्हे बचाएगा. यदि जो तुम्हारे भीतर है उसे सामने नहीं लाते हो, तो वो तुम्हे नष्ट कर देगा.