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"डॉ. सिअस": अवतरणों में अंतर

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१८:५६, ३१ मार्च २०१६ का अवतरण

डॉ.सिअस

  • इसलिए रो मत कि सब खत्म हो गया। मुस्कुराओ कि ऐसा हुआ ।
  • कैसे इतनी जल्दी इतनी देर हो गयी ? दोपहर से पहले ही रात हो गयी , दिसंबर जून से पहले आ गया . हे भगवान समय कैसे उड़ गया . कैसे इतनी जल्दी इतनी देर हो गयी  ?
  • बड़ी सावधानी और चतुराई से अपने कदम बढाइये , और याद रखिये की जीवन संतुलन बनाये रखने का एक महान काम है
  • आप कभी इतने बूढ़े , इतने अनोखे , इतने जंगली नहीं हो सकते की एक किताब उठकर बच्चे के सामने न पढ़ सकें।

कविता

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