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"किरण बेदी": अवतरणों में अंतर

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* आचार्संघिता, शालीनता और नैतिकता असली सैनिक हैं।
* आचार्संघिता, शालीनता और नैतिकता असली सैनिक हैं।
* वो कितनी बड़ी राष्ट्रीय क्रांति होगी अगर हम्मे से हर कोई खुद को शाशित करने लगे।
* वो कितनी बड़ी राष्ट्रीय क्रांति होगी अगर हम्मे से हर कोई खुद को शाशित करने लगे।
* बिना शाशक और शाशित के बीच की दूरी कम किये भ्रष्टाचार को नहीं मिटाया जा सकता .

* मेरे अजेंडे में कुछ भी बाकी नहीं है . मैं जिस दिन जो कुछ कर सकती हूँ करती हूँ . आसान है ! अगर मुझे आज मरना होता तो मैं कोई काम बाकी छोड़ कर नहीं मरती.
==कविता==
==कविता==


==बाहरी कडियाँ==
==बाहरी कडियाँ==
* [http://www.gyanipandit.com/top-10-quotes-by-kiran-bedi-in-hindi/ किरण बेदी(Hindi Quotes)]
* [http://www.gyanipandit.com/top-10-quotes-by-kiran-bedi-in-hindi/ किरण बेदी(Hindi Quotes)]
*'''[http://www.gyanipandit.com/kiran-bedi-biography-in-hindi/ किरण बेदी की जीवनी]'''

१६:१०, ३० मार्च २०१६ का अवतरण

किरण बेदी

  • हम बदलाव की शुरुआत अपने घरों,आस–पड़ोस की जगहों,बस्तीयों,गावों,और स्कूलों से कर सकते हैं।
  • जो लोग समय रहते अपने जीवन का चार्ज नहीं ले लेते वे समय द्वारा लाठी चार्ज किये जाते हैं।
  • मौजूदा दृष्टिकोण में प्रबल बदलाव के बिना सम्बन्ध नहीं बन सकते।
  • मैंने हमेशा से अपने अन्दर वंचित लोगों के लिए जीने और सेवा करने का उत्साह पाला है।
  • आगे बढ़ने के लिए खुद से चुने गए अभ्यास हैं।
  • काम मुझे ‘ख़ुशी’ देता है और हर एक शुरुआत स्वयं की खोज का एक रास्ता है।
  • समृद्ध आधुनिक पलस्तर सबसे पुराने पेशे को फलने -फूलने देगा …और जब सौदा बुरा होगा तो महिलाएं बेईमानी होने का रोना रोयेंगी।
  • जो लोग समय रहते अपने जीवन का चार्ज नहीं ले लेते वे समय द्वारा लाठी चार्ज किये जाते हैं।
  • आचार्संघिता, शालीनता और नैतिकता असली सैनिक हैं।
  • वो कितनी बड़ी राष्ट्रीय क्रांति होगी अगर हम्मे से हर कोई खुद को शाशित करने लगे।
  • बिना शाशक और शाशित के बीच की दूरी कम किये भ्रष्टाचार को नहीं मिटाया जा सकता .
  • मेरे अजेंडे में कुछ भी बाकी नहीं है . मैं जिस दिन जो कुछ कर सकती हूँ करती हूँ . आसान है ! अगर मुझे आज मरना होता तो मैं कोई काम बाकी छोड़ कर नहीं मरती.

कविता

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