"भारत": अवतरणों में अंतर

विकिसूक्ति से
No edit summary
No edit summary
पंक्ति १: पंक्ति १:
भारत (अंग्रेज़ी: Bharat, अंग्रेज़ी में: इंडिया, अंग्रेज़ी: India) (आधिकारिक नाम: भारत गणराज्य अंग्रेज़ी: Republic of India) दक्षिण एशिया में स्थित भारतीय उपमहाद्वीप का सबसे बड़ा देश है।
भारत (अंग्रेज़ी: Bharat, अंग्रेज़ी में: इंडिया, अंग्रेज़ी: India) (आधिकारिक नाम: भारत गणराज्य अंग्रेज़ी: Republic of India) दक्षिण एशिया में स्थित भारतीय उपमहाद्वीप का सबसे बड़ा देश है।

==सूक्तियाँ==


;गायन्ति देवाः किल गीतकानि धान्यास्तु ये भारतभूमिभागे। <br>
;गायन्ति देवाः किल गीतकानि धान्यास्तु ये भारतभूमिभागे। <br>
पंक्ति ७: पंक्ति ९:




;एतद्देशप्रसूतस्य सकासादग्रजन्मनः ।
;एत देश प्रसूतस्य सकाशादग्र जन्मनः । <br>
;स्वं स्वं चरित्र शिक्षेरन् पृथिव्यां सर्व मानवाः ।।
;स्व स्व चरित्रं शिक्षेरन् पृथिव्यां सर्व मानवाः
— मनु
पुराने काल में , इस देश ( भारत ) में जन्में लोगों के सामीप्य द्वारा ( साथ रहकर ) पृथ्वी के सब लोगों ने अपने-अपने चरित्र की शिक्षा ली ।


अर्थात एस देश में उत्पन्न अग्रजन्मा महापुरुषों के पास बैठ कर संसार भर के मानव अपने-अपने चरित्र की शिक्षा ग्रहण करें। क्योंकि यह “विश्व-गुरू” है।


: भारत में सब भिन्न अति, ताहीं सों उत्पात<Br/>
: विविध देस मतहू विविध, भाषा विविध लखात।
:: [[भारतेंदु हरिश्चंद्र]]


;यूनाँ मिस्र रोमा, सब मिट गए जहां से,
;बाकी मगर है अब तक, नामो निशां हमारा
;कुछ बात है कि हस्ती, मिटती नहीं हमारी
;सदियों रहा है दुश्मन, दौर जहां हमारा
-- मुहम्मद इक़बाल


; यूनान मिश्र रोमां सब मिट। गये जहाँ से ।
; अब तक मगर है बाकी , नाम-ओ-निशां हमारा
; कुछ बात है कि हस्ती मिटती नहीं हमारी
; शदियों रहा है दुश्मन , दौर--जहाँ हमारा
-- मुहम्मद इक़बाल


'''भारत वस्तुत: विश्व पुरुष की कुंडलिनी शक्ति है। जब भारत जागृत होगा तो विश्व पुरुष का दिवता में रूपांतरण हो जाएगा। अगर भारत सो गया , न जागा तो विश्व-मानवता ही समाप्त हो जाएगी। ''' <br>
'''भारत वस्तुतः विश्व पुरुष की कुंडलिनी शक्ति है। जब भारत जागृत होगा तो विश्व पुरुष का दिवता में रूपांतरण हो जाएगा। अगर भारत सो गया , न जागा तो विश्व-मानवता ही समाप्त हो जाएगी। ''' <br>
-- श्री अरविन्द
-- श्री अरविन्द


पंक्ति ३०: पंक्ति ३६:
प्रतिबद्ध मैक्समूलर को भी यह सत्य स्वीकारना पड़ा- <br>
प्रतिबद्ध मैक्समूलर को भी यह सत्य स्वीकारना पड़ा- <br>
'''अगर कोई देश है जो मानवता के लिए पूर्ण और आदर्श है, तो एशिया की ओर ऊँगली उठाऊंगा जहाँ भारत है।'''
'''अगर कोई देश है जो मानवता के लिए पूर्ण और आदर्श है, तो एशिया की ओर ऊँगली उठाऊंगा जहाँ भारत है।'''

यदि मुझसे पूछा जाये कि किस आकाश के नीचे मानवीय मस्तिष्क ने अपने कुछ चुनिन्दा उपहारों को विकसित किया है, जीवन की सबसे बड़ी समस्याओं पर गहन विचार किया है और उनके हल निकाले है, तो मैं भारत की तरफ़ इशारा करूँगा।''' – मैक्स मूलर'''




पंक्ति ३९: पंक्ति ४७:
'''जब तुम भारत के सान्निध्य में आओगे तो तुम्हें अनश्वर शांति का दिव्य मार्ग मिलेगा।'''
'''जब तुम भारत के सान्निध्य में आओगे तो तुम्हें अनश्वर शांति का दिव्य मार्ग मिलेगा।'''


भारत हमारी सम्पूर्ण (मानव) जाति की जननी है तथा संस्कृत यूरोप के सभी भाषाओं की जननी है। भारतमाता हमारे दर्शनशास्त्र की जननी है, अरबों के रास्ते हमारे अधिकांश गणित की जननी है, बुद्ध के रास्ते इसाईयत मे निहित आदर्शों की जननी है, ग्रामीण समाज के रास्ते स्व-शाशन और लोकतंत्र की जननी है। अनेक प्रकार से भारत माता हम सबकी माता है।
;— विल्ल डुरान्ट , अमरीकी इतिहासकार


भारत हमें एक परिपक्व मन की सहिष्णुता और नम्रता, भावनाओं को समझान और समेकक करना , और सभी मनुष्यों को प्रेम से संतुष्ट करना सिखाएगा।
प्रसिद्ध दार्शनिक शापेन हावर ने कहा था-
; – विल ड्यूरैंट


हम भारतीयों के बहुत ऋणी हैं जिन्होने हमे गिनना सिखाया, जिसके बिना कोई भी मूल्यवान वैज्ञानिक खोज सम्भव नही होती।
;— अलबर्ट आइन्स्टीन


प्रसिद्ध दार्शनिक '''शापेन हावर''' ने कहा था-
'''जब यूरोप के लोग भरतीय दर्शन के सम्पर्क में आयेंगे तो उनके विचार और आस्थाएँ बदलेंगी। वे बदले हुवे लोग यूरोप के विचारों और विश्वास को प्रभावित करेंगे। आगे चलकर यूरोप में ही ईसाई-धर्म को संकट उत्पन्न हो जाएगा।'''
'''जब यूरोप के लोग भरतीय दर्शन के सम्पर्क में आयेंगे तो उनके विचार और आस्थाएँ बदलेंगी। वे बदले हुवे लोग यूरोप के विचारों और विश्वास को प्रभावित करेंगे। आगे चलकर यूरोप में ही ईसाई-धर्म को संकट उत्पन्न हो जाएगा।'''



* भारत में सब भिन्न अति, ताहीं सों उत्पात<Br/>
भारत मानव जाति का पलना है , मानव-भाषा की जन्मस्थली है , इतिहास की जननी है , पौराणिक कथाओं की दादी है, और प्रथाओं की परदादी है। मानव इतिहास की हमारी सबसे कीमती और सबसे ज्ञान-गर्भित सामग्री केवल भारत में ही संचित है।
:विविध देस मतहू विविध, भाषा विविध लखात।
; — मार्क ट्वेन
** [[भारतेंदु हरिश्चंद्र]]

यदि इस धरातल पर कोई स्थान है जहाँ पर जीवित मानव के सभी स्वप्नों को तब से घर मिला हुआ है जब मानव अस्तित्व के सपने देखना आरम्भ किया था , तो वह भारत ही है।
;— फ्रान्सीसी विद्वान रोमां रोला

भारत अपनी सीमा के पार एक भी सैनिक भेजे बिना चीन को जीत लिया और लगभग बीस शताब्दियों तक उस पर सांस्कृतिक रूप से राज किया।
;— हू शिह , अमेरिका में चीन के भूतपूर्व राजदूत

दुनिया में कुछ ऐसी जगहें है जहाँ एक बार जाने पर वो आपके हृदय में बस जाती हैं और कभी निकलती नहीं. मेरे लिए, भारत एक ऐसी जगह हैं।
; – कीथ बेल्लोज


वेदों से हम सर्जरी, चिकित्सा, संगीत, घर बनाना, जिसमे यंत्रीकृत कला शामिल है ; की व्यवहारिक कला सीखते हैं। वे जीवन के हर एक पहलू , संस्कृति, धर्म, विज्ञान, नैतिकता, कानून, ब्रह्माण्ड विज्ञान और मौसम विज्ञान के विश्वकोश हैं।
; – विलियम जेम्स

एक अरब वर्ष पुराने जीवाश्म साबित करते हैं की जीवन की शुरुआत भारत में हुई थी।
; – ऐ. ऍफ़. पी. वाशिंगटन


==बाह्य सूत्र==
==बाह्य सूत्र==

२३:४०, २१ मई २०२१ का अवतरण

भारत (अंग्रेज़ी: Bharat, अंग्रेज़ी में: इंडिया, अंग्रेज़ी: India) (आधिकारिक नाम: भारत गणराज्य अंग्रेज़ी: Republic of India) दक्षिण एशिया में स्थित भारतीय उपमहाद्वीप का सबसे बड़ा देश है।

सूक्तियाँ

गायन्ति देवाः किल गीतकानि धान्यास्तु ये भारतभूमिभागे।
स्वर्गापवर्गास्पदहेतुभूते भवन्ति भूयः पुरुषाः सुरत्वात्।।

-- विष्णुपुराण (२।३।२४) (देवता गीत गाते हैं कि स्वर्ग और अपवर्ग की मार्गभूत भारत भूमि के भाग में जन्मे लोग देवताओं की अपेक्षा भी अधिक धन्य हैं। अर्थात् स्वर्ग और अपवर्ग (मोक्ष-कैवल्य) के मार्ग स्वरूप भारत-भूमि को धन्य धन्य कहते हुए देवगण इसका शौर्य-गान गाते हैं। यहां पर मनुश्य जन्म पाना देवत्व पद प्राप्त करने से भी बढकर है।)


एतद्देशप्रसूतस्य सकासादग्रजन्मनः ।
स्व स्व चरित्रं शिक्षेरन् पृथिव्यां सर्व मानवाः ॥

— मनु पुराने काल में , इस देश ( भारत ) में जन्में लोगों के सामीप्य द्वारा ( साथ रहकर ) पृथ्वी के सब लोगों ने अपने-अपने चरित्र की शिक्षा ली ।


भारत में सब भिन्न अति, ताहीं सों उत्पात
विविध देस मतहू विविध, भाषा विविध लखात।
भारतेंदु हरिश्चंद्र


यूनान मिश्र रोमां सब मिट। गये जहाँ से ।
अब तक मगर है बाकी , नाम-ओ-निशां हमारा ॥
कुछ बात है कि हस्ती मिटती नहीं हमारी ।
शदियों रहा है दुश्मन , दौर-ए-जहाँ हमारा ॥

-- मुहम्मद इक़बाल

भारत वस्तुतः विश्व पुरुष की कुंडलिनी शक्ति है। जब भारत जागृत होगा तो विश्व पुरुष का दिवता में रूपांतरण हो जाएगा। अगर भारत सो गया , न जागा तो विश्व-मानवता ही समाप्त हो जाएगी।
-- श्री अरविन्द


मैं भौगोलिक मूर्ति पूजा में विश्वास नहीं करता हूँ। मेरा भरत जड़ भारत नहीं है , अपितु वह ज्ञानलोक है , जिसका आविर्भाव ऋषियों की आत्मा में हुवा है।
-- गुरुदेव रवीन्द्रनाथ टैगोर


प्रतिबद्ध मैक्समूलर को भी यह सत्य स्वीकारना पड़ा-
अगर कोई देश है जो मानवता के लिए पूर्ण और आदर्श है, तो एशिया की ओर ऊँगली उठाऊंगा जहाँ भारत है।

यदि मुझसे पूछा जाये कि किस आकाश के नीचे मानवीय मस्तिष्क ने अपने कुछ चुनिन्दा उपहारों को विकसित किया है, जीवन की सबसे बड़ी समस्याओं पर गहन विचार किया है और उनके हल निकाले है, तो मैं भारत की तरफ़ इशारा करूँगा। – मैक्स मूलर


जैको लाइट ने ' बाइबिल इन इण्डिया ' में लिखा है-
भारत मानवता का पलना है। इसके ऊंचे हिमालय से ज्ञान-विज्ञानं की सरिताएँ निकली हैं। सृष्टि की उषा में इसका आंगन ज्ञान से आलोकित हुवा था। मैं भगवान से प्रार्थना करता हूँ कि भारत का अतीत मेरी मातृभूमि के भविष्य में बदल जाए।


विल डूरण्ट ने ' सभ्यताओं के इतिहास ' में पश्चिम देशों को बताया है कि-
जब तुम भारत के सान्निध्य में आओगे तो तुम्हें अनश्वर शांति का दिव्य मार्ग मिलेगा।

भारत हमारी सम्पूर्ण (मानव) जाति की जननी है तथा संस्कृत यूरोप के सभी भाषाओं की जननी है। भारतमाता हमारे दर्शनशास्त्र की जननी है, अरबों के रास्ते हमारे अधिकांश गणित की जननी है, बुद्ध के रास्ते इसाईयत मे निहित आदर्शों की जननी है, ग्रामीण समाज के रास्ते स्व-शाशन और लोकतंत्र की जननी है। अनेक प्रकार से भारत माता हम सबकी माता है।

— विल्ल डुरान्ट , अमरीकी इतिहासकार

भारत हमें एक परिपक्व मन की सहिष्णुता और नम्रता, भावनाओं को समझान और समेकक करना , और सभी मनुष्यों को प्रेम से संतुष्ट करना सिखाएगा।

– विल ड्यूरैंट


हम भारतीयों के बहुत ऋणी हैं जिन्होने हमे गिनना सिखाया, जिसके बिना कोई भी मूल्यवान वैज्ञानिक खोज सम्भव नही होती।

— अलबर्ट आइन्स्टीन


प्रसिद्ध दार्शनिक शापेन हावर ने कहा था- जब यूरोप के लोग भरतीय दर्शन के सम्पर्क में आयेंगे तो उनके विचार और आस्थाएँ बदलेंगी। वे बदले हुवे लोग यूरोप के विचारों और विश्वास को प्रभावित करेंगे। आगे चलकर यूरोप में ही ईसाई-धर्म को संकट उत्पन्न हो जाएगा।


भारत मानव जाति का पलना है , मानव-भाषा की जन्मस्थली है , इतिहास की जननी है , पौराणिक कथाओं की दादी है, और प्रथाओं की परदादी है। मानव इतिहास की हमारी सबसे कीमती और सबसे ज्ञान-गर्भित सामग्री केवल भारत में ही संचित है।

— मार्क ट्वेन

यदि इस धरातल पर कोई स्थान है जहाँ पर जीवित मानव के सभी स्वप्नों को तब से घर मिला हुआ है जब मानव अस्तित्व के सपने देखना आरम्भ किया था , तो वह भारत ही है।

— फ्रान्सीसी विद्वान रोमां रोला

भारत अपनी सीमा के पार एक भी सैनिक भेजे बिना चीन को जीत लिया और लगभग बीस शताब्दियों तक उस पर सांस्कृतिक रूप से राज किया।

— हू शिह , अमेरिका में चीन के भूतपूर्व राजदूत


दुनिया में कुछ ऐसी जगहें है जहाँ एक बार जाने पर वो आपके हृदय में बस जाती हैं और कभी निकलती नहीं. मेरे लिए, भारत एक ऐसी जगह हैं।

– कीथ बेल्लोज


वेदों से हम सर्जरी, चिकित्सा, संगीत, घर बनाना, जिसमे यंत्रीकृत कला शामिल है ; की व्यवहारिक कला सीखते हैं। वे जीवन के हर एक पहलू , संस्कृति, धर्म, विज्ञान, नैतिकता, कानून, ब्रह्माण्ड विज्ञान और मौसम विज्ञान के विश्वकोश हैं।

– विलियम जेम्स

एक अरब वर्ष पुराने जीवाश्म साबित करते हैं की जीवन की शुरुआत भारत में हुई थी।

– ऐ. ऍफ़. पी. वाशिंगटन

बाह्य सूत्र

w
w
विकिपीडिया पर संबंधित पृष्ठ :