"किताब": अवतरणों में अंतर
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* जब पढने की मजबूरी ना हो तब आप क्या पढ़ते हैं यही निर्धारित करेगा कि आप जब आपके बस में ना हो तब आप क्या बनेंगे। |
* जब पढने की मजबूरी ना हो तब आप क्या पढ़ते हैं यही निर्धारित करेगा कि आप जब आपके बस में ना हो तब आप क्या बनेंगे। |
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* मुझे टेलीविज़न बहुत शिक्षित करने वाला लगता ही. हर बार जब कोई इसे चलाता है, मैं दूसरे रूम में चला जाता हूँ और एक किताब पढता हूँ. |
* मुझे टेलीविज़न बहुत शिक्षित करने वाला लगता ही. हर बार जब कोई इसे चलाता है, मैं दूसरे रूम में चला जाता हूँ और एक किताब पढता हूँ. |
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* यदि कोई एक ही किताब बार-बार पढने का आनंद ना उठा पाए तो उसे पढने का कोई फायदा नहीं |
* यदि कोई एक ही किताब बार-बार पढने का आनंद ना उठा पाए तो उसे पढने का कोई फायदा नहीं है। |
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==कविता== |
==कविता== |
१५:१३, १७ मई २०१६ का अवतरण
किताब
- कोई व्यक्ति, चाहे पुरुष हो या महिला, जिसे एक अच्छा उपन्यास पढने में आनंद ना आये, वो निश्चित रूप से बहुत मूर्ख होगा।
- अच्छे मित्र, अच्छी किताबें, और साफ़ अंतःकरण: यही आदर्श जीवन है।
- जब पढने की मजबूरी ना हो तब आप क्या पढ़ते हैं यही निर्धारित करेगा कि आप जब आपके बस में ना हो तब आप क्या बनेंगे।
- मुझे टेलीविज़न बहुत शिक्षित करने वाला लगता ही. हर बार जब कोई इसे चलाता है, मैं दूसरे रूम में चला जाता हूँ और एक किताब पढता हूँ.
- यदि कोई एक ही किताब बार-बार पढने का आनंद ना उठा पाए तो उसे पढने का कोई फायदा नहीं है।