"कृष्ण": अवतरणों में अंतर
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* ज्ञानी व्यक्ति ज्ञान और कर्म को एक रूप में देखता है, वही सही मायने में देखता है| |
* ज्ञानी व्यक्ति ज्ञान और कर्म को एक रूप में देखता है, वही सही मायने में देखता है| |
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* अपने अनिवार्य कार्य करो, क्योंकि वास्तव में कार्य करना निष्क्रियता से बेहतर है| |
* अपने अनिवार्य कार्य करो, क्योंकि वास्तव में कार्य करना निष्क्रियता से बेहतर है| |
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* व्यक्ति जो चाहे बन सकता है यदी वह विश्वास के साथ इच्छित वस्तु पर लगातार चिंतन करे| |
* व्यक्ति जो चाहे बन सकता है यदी वह विश्वास के साथ इच्छित वस्तु पर लगातार चिंतन करे| |
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* हर व्यक्ति का विश्वास उसकी प्रकृति के अनुसार होता है| |
* हर व्यक्ति का विश्वास उसकी प्रकृति के अनुसार होता है| |
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==कविता== |
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==बाहरी कडियाँ== |
==बाहरी कडियाँ== |
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*'''[http://www.gyanipandit.com/shree-krishna-quotes-in-hindi/ श्री कृष्णा सर्वश्रेष्ठ सुविचार]''' |
*'''[http://www.gyanipandit.com/shree-krishna-quotes-in-hindi/ श्री कृष्णा सर्वश्रेष्ठ सुविचार]''' |
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[[en:Krishna (Hindu deity)]] |
१९:०२, २ मई २०१६ का अवतरण
उक्तियाँ
- ज्ञानी व्यक्ति ज्ञान और कर्म को एक रूप में देखता है, वही सही मायने में देखता है|
- अपने अनिवार्य कार्य करो, क्योंकि वास्तव में कार्य करना निष्क्रियता से बेहतर है|
- मनुष्य अपने विश्वास से निर्मित होता है.जैसा वो विश्वास करता है वैसा वो बन जाता है|
- प्रबुद्ध व्यक्ति के लिए, गंदगी का ढेर, पत्थर, और सोना सभी समान हैं|
- व्यक्ति जो चाहे बन सकता है यदी वह विश्वास के साथ इच्छित वस्तु पर लगातार चिंतन करे|
- हर व्यक्ति का विश्वास उसकी प्रकृति के अनुसार होता है|