"भीमराव आम्बेडकर": अवतरणों में अंतर

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डॉ॰ बी॰ आर॰ अम्बेडकर
डॉ॰ बी॰ आर॰ अम्बेडकर
'''मैं ऐसे धर्म को मानता हूँ जो स्वतंत्रता, समानता, और भाई -चारा सीखाये.'''
'''मैं ऐसे धर्म को मानता हूँ जो स्वतंत्रता, समानता, और भाई -चारा सीखाये.'''
डॉ॰ बी॰ आर॰ अम्बेडकर
डॉ॰ बी॰ आर॰ अम्बेडकर
'''यह ज़रूरी है कि हम अपना दृष्टिकोण और ह्रदय जितना सभव हो अच्छा करें. इसी से हमारे और अन्य लोगों के जीवन में, अल्पकाल और दीर्घकाल दोनों में ही खुशियाँ आयंगी.'''
डॉ॰ बी॰ आर॰ अम्बेडकर
'''मैं एक समुदाय की प्रगति का माप महिलाओं द्वारा हासिल प्रगति की डिग्री द्वारा करता हूँ.'''
डॉ॰ बी॰ आर॰ अम्बेडकर


==बाह्य सूत्र==
==बाह्य सूत्र==

१७:५६, २१ अप्रैल २०१६ का अवतरण

भीमराव अम्बेडकर के अनमोल विचार

मनुष्य नश्वर हैं। ऐसे विचार होते हैं। एक विचार को प्रचार-प्रसार की जरूरत है जैसे एक पौधे में पानी की जरूरत की जरूरत होती है। अन्यथा दोनों मुरझा जायेंगे और मर जायेंगे।

                                                                                                                              डॉ. बी. आर. अम्बेडकर  

जीवन लम्बा होने की बजाय महान होना चाहिए।

                                       डॉ॰ बी॰ आर॰ अम्बेडकर  

हर व्यक्ति जो मिल का सिद्धांत जानता हो कि एक देश दूसरे देश पर राज करने में फिट नहीं है, उसे ये भी स्वीकार करना चाहिये कि एक वर्ग दुसरे वर्ग पर राज करने में फिट नहीं है।

                                                                                                                               ~ डॉ. बी. आर. अम्बेडकर  

उदासीनता लोगों को प्रभावित करने वाली सबसे खराब किस्म की बीमारी है।

                                                   डॉ॰ बी॰ आर॰ अम्बेडकर  

यदि मुझे लगा कि संविधान का दुरुपयोग किया जा रहा है, तो मैं इसे सबसे पहले जलाऊंगा।

                                                                 डॉ. बी॰ आर॰ अम्बेडकर

समानता एक कल्पना हो सकती है, लेकिन फिर भी इसे एक गवर्निंग सिद्धांत रूप में स्वीकार करना होगा।

                                                                    डॉ॰ बी॰ आर॰ अम्बेडकर

एक सुरक्षित सेना एक सुरक्षित सीमा से बेहतर है।

                             डॉ॰ बी॰ आर॰ अम्बेडकर

लोग और उनके धर्म; सामाजिक नैतिकता के आधार पर सामाजिक मानकों द्वारा परखे जाने चाहिए. अगर धर्म को लोगों के भले के लिये आवश्यक वस्तु मान लिया जायेगा तो और किसी मानक का मतलब नहीं होगा.

                 डॉ॰ बी॰ आर॰ अम्बेडकर

बुद्धि का विकास मानव के अस्तित्व का अंतिम लक्ष्य होना चाहिए.

                                           डॉ॰ बी॰ आर॰ अम्बेडकर

मैं ऐसे धर्म को मानता हूँ जो स्वतंत्रता, समानता, और भाई -चारा सीखाये.

                                             डॉ॰ बी॰ आर॰ अम्बेडकर

यह ज़रूरी है कि हम अपना दृष्टिकोण और ह्रदय जितना सभव हो अच्छा करें. इसी से हमारे और अन्य लोगों के जीवन में, अल्पकाल और दीर्घकाल दोनों में ही खुशियाँ आयंगी.

                                                                                                                        डॉ॰ बी॰ आर॰ अम्बेडकर

मैं एक समुदाय की प्रगति का माप महिलाओं द्वारा हासिल प्रगति की डिग्री द्वारा करता हूँ.

                                                डॉ॰ बी॰ आर॰ अम्बेडकर

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