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  • देवदुर्लभ पारिजात पुष्प स्बर्ग हन्ते आनि कृष्णक हाते देलो। से पारिजात ये कुमारी परिधान करे ये पुष्पक महिमाय़े परम सौभागिनी हय़। इहा जानि हामु बोलल, ओहि...
    ३९ KB (२,२७४ शब्द) - २३:००, ३१ अगस्त २०२३
  • से विवेक से भी क्योकि हम जन हाफोर-साधारण हैं हम नहीं विशिष्ट । -- गिरजा कुमार माथुर मैं प्रस्तुत हूँ .-एक यह क्षण भी कहीं न खो जाय । अभिमान नाम का , पद...
    ८७ KB (६,२०८ शब्द) - १८:३३, ५ दिसम्बर २०२२
  • / सुविचार / अनमोल वचन पृथ्वी पर तीन रत्न हैं - जल, अन्न और सुभाषित । लेकिन मूर्ख लोग पत्थर के टुकडों को ही रत्न कहते रहते हैं । — संस्कृत सुभाषित विश्व...
    २८१ KB (१९,७५२ शब्द) - १४:५५, ११ जनवरी २०२३
  • / सुविचार / अनमोल वचन पृथ्वी पर तीन रत्न हैं - जल, अन्न और सुभाषित । लेकिन मूर्ख लोग पत्थर के टुकड़ों को ही रत्न कहते रहते हैं । — संस्कृत सुभाषित विश्व...
    ३०४ KB (२१,२०६ शब्द) - २१:०८, ३ फ़रवरी २०२२